सय तो जातियों को साधने की और सर्व स्पर्शी जो अ शुभ्राता कह र हैं कि भाई हम सबको साथ लेकर चल रहे हैं यह मैसेज देने की कोशिश है क्योंकि बिहार में जातिगत समीकरण जो है ना वह सुशासन पर डेवलपमेंट पर हिंदुत्व पर सब पर भारी पड़ते हैं यह बार-बार देखा गया है अनंत जी आप महाराष्ट्र का कुछ जिक्र कर रहे थे बात बीच में काट दी थी मैंने नहीं मैं महाराष्ट्र वाले मॉडल पे आऊ उसके पहले मैं एक बात और कहना चाहता हूं कि विजय कुमार मंडल जो निषाद जाति से आते हैं उनको भी बहुत स्मार्टली चुना गया क्योंकि पिछले चुनाव में याद करिए पनाथ जी 2020 का जो विधानसभा चुनाव हुआ था उसमें मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी को एनडीए गठबंधन में 11 सीटें दी गई थी इस बार अब वो एनडीए का हिस्सा नहीं है
सानी तो जो निषद और मल्ला की जो के जो वोट है उनको भी अपने पाले में रखने के लिए तो ये विशुद्ध रूप से जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए लोगों को मंत्री पद विधायकों को मंत्री पद दिया गया है अब आता हूं मैं महाराष्ट्र प मैं महाराष्ट्र का जिक्र इसलिए कर रहा था कि महाराष्ट्र में इस बार भारतीय जनता पार्टी ने लगभग लगभग अपने बूते पर बहुमत हासिल कर लिया मुझे लगता है कि जैसे पिछली बार 110 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी लड़ी थी और 115 सीटों पर उन्होंने जेडीयू को टिकट दिया था इस बार ये इतना आसान नहीं होगा कि जनता दल यूनाइटेड को अधिक सीटें मिले और भारतीय जनता पार्टी कम सीटों पर चुनाव लड़े इस बार का जो टिट का फार्मूला होगा और भारतीय जनता पार्टी को उसी की जो यह पूर्व पीठ का के तौर पर मंत्रिमंडल विस्तार को मैं
देखता हूं क्योंकि भारतीय जनता पार्टी इस बार जी अनंद जी नए चुने हुए जो नए मंत्री है उनके रिएक्शन शायद आने लग गए हैं और तमाम जरा एक बार क्या कुछ के लिए हम लोग माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने विस्तार किया है और सातों मंत्री बिहार के विकास में काम करेंगे चुनाव के ठीक पहले जब विता हुआ है तो जाहिर है इसका मकसद अभी सात से आठ महीने बाकी है आठ महीने में बहुत से कार्यों को पूरा करना है अ क्षेत्रीय संतुलन भी साधने की कोशिश की गई है मिथिलांचल को बहुत ज्यादा जगह दी गई नहीं नहीं पूरे बिहार के विकास का कल्पना है पूरे बिहार का विकास किया जाए क्या लग रहा है चुनाव क्या होगा चुनाव चकि बेहद करीब है और इस विस्तार के बाद आपको क्या लगता है सामाजिक समीकरण के लिहाज से एनडीए कितना मजबूत आपको नजर आ देखिए पूरी तरह
एनडीए एकजुट है और मजबूत है एकदम विकास गांव-गांव तक पहुंचाने का काम कर र है तो ये थे सम्राट चौधरी डिप्टी सीएम चलिए तो डिप्टी सीएम कह रहे हैं कि भाई ठीक है उनसे पूछा गया कि भाई आखिर के छ महीने में क्यों तो कह रहे हैं अभी तो बहुत वक्त है हमें विकास के काम करने हैं लेकिन जातियां साधनी है यह बात किसी से दीगर नहीं है आप देखिए राजपूत भूमिहार वैश्य कुर्मी कोयरी तेली मल्हा सबको साधा गया है सबका रिप्रेजेंटेशन यहां पर है हमारे पॉलिटिकल एडिटर देवेंद्र भी हमारे साथ लगातार जुड़े हुए हैं देवेंद्र जी अनंद जी यहां कह रहे थे कि महाराष्ट्र की तरह से अब जब सीट बट बटवारा इस बार यहां पर होगा तो ज्यादा सीटें नीतीश जी के खाते में नहीं जाएंगी इस बार नहीं ज्यादा सीट पे तो बीजेपी ही
लड़ेगी इसमें कोई दोराय नहीं है और लोकसभा चुनाव में देखा आपने कि भले एक ही सीट ज्यादा लेकिन ज्यादा सीट वो बीजेपी लड़ी थी और इस बार भी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की कोशिश जरूर रहेगी कि कुछ ज्यादा सीटों पे लड़े वो और उसके पीछे वजह ये नहीं है कि ज्यादा लड़ना है या कोई मैसेजिंग है वजह यह है कि संगठन के हिसाब से देखें तो जेडीयू की तुलना में बीजेपी का बिहार बीजेपी का जो संगठन है बहुत ज्यादा मजबूत है कई सारी सीटों पे उसकी ताकत ज्यादा बढ़ी हुई नजर आ रही है और ऐसे में यह कोशिश रहेगी कि उन सीटों पर भी जहां जेडीयू पहले अगर लड़ते रही है उन सीटों को वो ले और उसके हिसाब से चुनावी जत हासिल करें पिछली बार का रिजल्ट तो एक पैमाना था ही कि बीजेपी ने दिखाया कैसे वो अच्छा परफॉर्म कर रही है और इस बार भी यह
पूरी कोशिश रहेगी लेकिन ओवरऑल एनडीए के लिहाज से देखें तो आपको एक बात एकदम से समझ में आएगी कि कहीं भी यह मैसेजिंग नहीं होगा कि एनडीए के अंदर सीट शेयरिंग को लेके कोई बहुत ज्यादा टकरा हट है हां चिराग पासवान की तरफ से जरूर कुछ मैसेजिंग हो सकता है या उपेंद्र कुशवा या जीत माज ये लोग कर सकते हैं जरूर लेकिन बीजेपी जेडीयू ऐसा नहीं करेगी क्योंकि दोनों को ये पता है कि इस तरह की मैसेजिंग उसके नीचे वर्कर्स के बीच जो मेहनत की गई है उसमें खटास डाल सकती है और उसका फिर नुकसान उठाना पड़ सकता है जो कता ही नहीं चाहेंगे दोनों दल के बड़े नेता भी तो कुल मिलाकर कोशिश ये रहेगी कि जो भी बारगेन हो जो भी खींचतान हो वो बंद कमरे में है बाहर इस बात को लेकर बहुत बयानबाजी ना हो या ये मैसेज ना आ जाए कि हमें इतनी सीटी चाहिए
इतनी नहीं देंगे तो स् विमान प चोट इस तरह की चीजें बिल्कुल नहीं कही जाएंगी यह जरूर नजर आ रहा है अभी तक दोनों ही पक्ष के नेताओं से अगर आप बात करें तो उसम बहुत कॉसस अप्रोच नजर आ रहा है जैसे इसी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अगर आप देखें तो जेडीयू ने बहुत आसानी से तो इसके पीछे क्या मंत्री जो है एक जोन के नहीं होते हैं उनको पूरे बिहार का काम देखना होता है और निश्चित रूप से हम लोग पूरे बिहार का काम देखेंगे मिचल में आप लोग लास्ट टाइम कितनी सीट जीते थे क्या इस बार जो बचे ची पूरे मिथिला में क्यारे बिहार में हम लोग का लक्ष्य है 225 प्लस और निश्चित रूप से 225 प्लस पर एनडीए जो है खड़ा उतरेगी माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व महीना उसको लेकर किया गया चुनाव से इसको जोड़कर मत देखिए पहले ही से मामला
था होना था नहीं हुआ था आज हो गया इसको चुनाव से जोड़कर मत देखिए को बिल्कुल 100 पर से ज्यादा बिल्कुल सब स्मूथ है स्मूथ रहेगा काफी जगह दी गई मतलब में प्रदर्शन पार्टी का बेहतर रहा सीतामढी से तो एक ही है सीतामढी से मंत्री एक ही बनाए गए बाकी बगल के दरभंगा और मधुबनी के मंत्री बने हैं सबके अलग-अलग परिस्थितियां है सामाजिक स्थिति है उस हिसाब से मंत्रिमंडल में लोगों को लाया गया है वहां के हिसाब से हम ज्यादा नहीं क सकते हैं लेकिन वहां के होगी कोई चुनौतियां होंगी कहा जा रहा है कि जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर और क्षेत्रीय समीकरण को ध्यान में रखकर यह मंत्रिमंडल विस्तार चुनाव के ठीक पहले किया गया अभी मैं इसका
विश्लेषण नहीं किया हूं आप जो बोल रहे हैं तो फिर उसको देखूंगा किस सामाजिक और किस जातीय ध्यान में रख कर के किया गया है ये अभी हमने अवलोकन नहीं किया है और अभी विधानसभा में आप लगातार सवाल उठा रहे थे और अब अब आपको जवाब देना पड़ेगा जब जब जैसा दायित्व मिलता है उस दायित्व के लिए मैंने मंत्री पद की शपथ ली है यह बताइए कि यह तो सबको दिख रहा है कि चुनाव के ठीक पहले यदि विस्तार हुआ है तो इसकी वजह चुनाव ही है जातीय समीकरण क्षेत्रीय संतुलन यह सब साधने की कोशिश है नहीं ऐसा ऐसा नहीं है काम करने का अवसर मिलता है और हम लोग को मिला है हम लोग निश्चित रूप से आपको रिजल्ट देंगे और युवाओं पर एनडीए की
सरकार ने एनडीए के हमारे सभी नेताओं ने भरोसा देता है और युवा में एक ऊर्जा होती है उस ऊर्जा का सकारात्मक प्रयोग हम लोग करेंगे और परिणाम आपको दिखेंगे अच्छा ये बताइए कि पिछले चुनाव में देखा गया चाहे उपचुनाव हो और लोकसभा चुनाव हो आरजेडी ने कोशिश की है लवकुश समाज पर डोरे डालने की अपने साथ लाने की कुछ हद तक कामयाबी भी मिली आपको क्या लगता है कि आपका चयन इस वजह से हुआ नहीं नहीं हमारे नेता नरेंद्र मोदी जी है नितीश कुमार जी हैं और डबल इंजन सरकार है दोनों जगह हमारी सरकार है उसके लिए सबको साथ लेकर चलना है इसलिए सबको साथ लेकर चला गया है और य हमारे रेसपी में सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास जिसके तहत सबको साथ र चला जाए है और उसम युवाओं का मौका मिला है हम आपके माध्यम से सारे युवाओं को बधाई देना चाहते
हैं धन्यवाद देना चाहते हैं युवा एक अच्छा नितीश कुमार तो लवकुश समाज के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं आपके साथ है ही तो क्या बीजेपी भी समानांतर कोशिश कर रही है के नेता बताना यह उनका अपमान होगा नीतीश कुमार बिहार के नेता है और जनजन के नेता है कनकन नेता पूरे बिहार के नेता नीतीश कुमार जी हैं कोई जाति के नितीश कुमार जी नहीं नीतीश कुमार के बाद लवकुश किधर जाएगा सब लोग एनडीए का साथ है आज भी है कल भी है परसों भी रहेगा हां हमारा नेचुरल है एनडीए हम ए के से बले बे हैं एनडीए हमारा जिन में है हम एनडीए के साथ रहेंगे और उस जो उस राज की विपक्ष की जो बात कर रहे हैं वहां हम लोग खेत जोतने वाले लक समाज के लोग हैं हम लोग कोयरी कुर्मी समाज खेत बोने वाले हैं और व फसल काटने वाले हैं तो फसल बोने वाला फसल लगाने वाला फसल काटने
वाला साथ कैसे रह सकता है अच्छा राजत वाले फसल काटने वाले हैं और हम लोग फसल लगाने वाले हैं तो दोनों साथ लूटने वाले मतलब फसल को लूट लेते हैं काट लेते हैं य कहने का मतलब हम लोग फसल उगाने वाले हैं तो दोनों के साथ कैसे रहेंगे संभावना ही नहीं है हमें लोग इंडि सा