पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए ICC चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 किसी बुरे सपने से कम नहीं रही। अपनी ही सरज़मीं पर खेले जा रहे इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में मेजबान पाकिस्तान की टीम ग्रुप स्टेज से भी आगे नहीं बढ़ पाई। सबसे बड़ी बात यह रही कि टीम एक भी मैच नहीं जीत सकी और शर्मनाक तरीके से बाहर हो गई। इस करारी हार ने ना सिर्फ फैंस को निराश किया, बल्कि अब यह मामला पाकिस्तानी संसद तक पहुंच गया है।

पाकिस्तान में क्रिकेट पर सियासी घमासान
क्रिकेट हमेशा से पाकिस्तान में सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि राष्ट्रीय भावना से जुड़ा मसला रहा है। जब टीम अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसे सिर आंखों पर बिठाया जाता है, लेकिन जब नाकामी हाथ लगती है, तो आलोचना और बहस संसद तक पहुंच जाती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अब इस मुद्दे को संसद में उठाने जा रहे हैं। उनके राजनीतिक और सार्वजनिक मामलों के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने एक निजी चैनल से बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री इस हार को लेकर व्यक्तिगत रूप से संसद में बयान देंगे।
पाकिस्तानी टीम की हार पर फूटा फैंस का गुस्सा
टीम के इस खराब प्रदर्शन पर पाकिस्तानी फैंस का गुस्सा सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक नजर आ रहा है। ट्विटर (X) पर #PAKvsBAN और #ShameOnPCB जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स और पूर्व खिलाड़ी भी टीम की रणनीति, चयन प्रक्रिया और कप्तानी पर सवाल उठा रहे हैं।
क्रिकेट प्रेमी इस हार के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और कप्तान पर सीधा आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि टीम में टैलेंट की कोई कमी नहीं है, लेकिन सही नेतृत्व और रणनीति का अभाव है। पाकिस्तान की हार के बाद फैंस की प्रतिक्रियाओं पर एक नजर:
- एक यूजर ने लिखा: “इतनी खराब परफॉर्मेंस देखकर लगता है कि ये टीम चैम्पियंस ट्रॉफी खेलने नहीं, सिर्फ मेजबानी करने आई थी!”
- दूसरे यूजर का कमेंट: “अगर इस टीम को सुधारना है, तो सिर्फ कप्तान बदलने से काम नहीं चलेगा, पूरे सिस्टम में सुधार की जरूरत है!”
पाकिस्तान टीम की हार की वजहें
क्रिकेट एक्सपर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान की इस हार के पीछे कई वजहें रहीं:
- कमजोर बैटिंग लाइनअप: टीम के टॉप ऑर्डर बल्लेबाज पूरे टूर्नामेंट में फ्लॉप रहे।
- गलत रणनीति: कप्तानी और टीम चयन को लेकर लगातार सवाल उठे।
- प्रदर्शन का दबाव: घरेलू सरजमीं पर खेलते हुए टीम से ज्यादा उम्मीदें थीं, जिसका दबाव खिलाड़ियों पर दिखा।
- बोलिंग में धार की कमी: पाकिस्तान के पेस अटैक को लेकर काफी उम्मीदें थीं, लेकिन वे विरोधी टीमों को दबाव में लाने में नाकाम रहे।
आगे क्या? पीएम शरीफ से क्या उम्मीदें?
अब जब प्रधानमंत्री खुद इस मुद्दे को संसद में उठाने जा रहे हैं, तो सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान क्रिकेट में कोई बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा? या फिर यह सिर्फ राजनीतिक बहस तक सीमित रह जाएगा?
हो सकता है कि PCB में बड़ा फेरबदल किया जाए, कप्तानी बदले या फिर पूरी सिलेक्शन कमेटी को हटाया जाए। लेकिन अगर सिस्टम में असली सुधार नहीं हुआ, तो पाकिस्तान क्रिकेट का हाल आगे भी ऐसा ही रहेगा।
पाकिस्तानी क्रिकेट फैंस को अब अपने नेताओं और क्रिकेट बोर्ड से जवाब चाहिए। देखना यह होगा कि शहबाज शरीफ की सरकार इस शर्मनाक प्रदर्शन के बाद क्या ठोस कदम उठाती है।
आपका क्या कहना है पाकिस्तान की इस हार पर? क्या PCB में बदलाव होना चाहिए? कमेंट में अपनी राय बताएं!